Nahargarh Fort is a world famous strong defense ring fort situated at the edge of the Aravalli Hills in Jaipur City means in district Jaipur city of Rajasthan, India. Lat Long of Nahargarh Fort is 26.9373° N, 75.8155° E and address of Nahargarh Fort, Krishna Nagar, Brahampuri, Jaipur, Rajasthan 302002, Nahargarh Fort is situated 14 kilometres North side from Jaipur Airport, 6.2 KM from Jaipur Railway Station and 5 KM from Jaipur Roadways bus stand, Nahargarh Fort was built in Rajputana era and there is some historical evidence of builder of this fort was Sawai Jai Singh II, Fort is made by Red Sandstone in year 1734.
Where is Nahargarh Fort Located in Jaipur Rajasthan India
Location Map of Nahargarh Fort Jaipur in Rajasthan India on Google Map
Facts about Jaigarh Fort
Name | Nahargarh Fort |
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City | Jaipur |
Address | Krishna Nagar, Brahampuri, Krishna Nagar, Brahampuri, Jaipur, Rajasthan 302002 |
District | Jaipur |
State | Rajasthan |
Country | India |
Continent | Asia |
Came in existence | 1734 |
Area covered in KM | 60.2 Km2 |
Height | 1.7 km metres |
Time to visit | 10:00 am – 4:30 pm |
Ticket time | NA |
Ref No of UNESCO | NA |
Coordinate | 26.9373° N, 75.8155° E |
Per year visitors | 50000 year |
Near by Airport | Jaipur |
Near by River | NA |
History of Nahargarh Fort in Hindi
नाहरगढ़ किले का इतिहास भारत के इतिहास में अमर है, इसे महाराजा जयसिंह १७३४ में अरावली की पहाडिओ पर बनवाया था, इस किले का इतिहास राजपूतानी आन बाण और शान के रूप में आज भी चर्चित है, राजपूत राजा जय सिंह २ वैसे तो मुगलो के दोस्त थे परन्तु लगता है उनको व्यक्तिगत रूप से कभी भी मुगलो की निष्ठा पर भरोषा नहीं किया, इसलिए जैसे ही उन्होंने आमेर का राज काज संभाला पूरी कोशिश की अपने राज्य और प्रजा को सुरक्षित रखने की इसलिए उन्होंने बहुत प्रयास किया, कई किले बनवाये जो की ऊँची ऊँची पहाडिओ पर दुर्गम रास्तो से जाते थे।
नाहरगढ़ के किले को बनाने का इतिहास
नाहरगढ़ के किले का नाम पहले सुदर्शनगढ़ का किला था क्युकी यहाँ से जयपुर राज्य की तरफ आने वले हर व्यक्ति पर नजर राखी जा सकती थी, बाद में इसे नाहरगढ़ का किला कहा जाने लगा क्युकी नाहर का मतलब राजस्थनी में होता है वीर, इस किले को बनवाने का मुख्य उद्देश्य था शत्रु से अपने राज्य और प्रजा की रक्षा करना, अपने पुरे काल में इस किले ने कई युद्ध देखे लेकिन ये किला कभी भी दुश्मनो के हाथो में नहीं गया और न ही युद्ध काल में यहाँ रहने वाली प्रजा को कोई परेशानी हुयी, ये किला आंतरिक सुरंगो के द्वारा जयगढ़ और आमेर के किले और महल से जुड़ा हुआ था वो इसलिए की समय आने पर यहाँ से वह जा सके और शत्रु पर चारो तरफ से हमला कर सके।
नाहरगढ़ किले का अंग्रेज कालीन इतिहास
यद्द्पि अंग्रेजो ने कभी भी राजस्थान के राजाओ पर किसी भी तरह का कभी भी दबाब नहीं बनाया वल्कि हमेश उनके अधिकारों को वैसा ही रहने दिया इसका परिणाम ये हुआ की जब १८५७ की क्रांति हुयी उस समय जयपुर के राजा सवाई राम सिंह ने खुल कर अंग्रेजी रेजिडेंट और उसके परिवार को इसी किले में सुरक्षित रखा था और उस समय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी इस किले में घुस भी नयी पाए थे, आजादी के बाद बहुत समय तक, १८६८ से लेकर १८९२ तक इस किले को बहुत विस्तार दिया गया क्युकी अंग्रेजो की सहायता करने के कारन अंग्रेज राजा राम सिंह से बहुत खुश थे और इस किले का इस्तेमाल राजस्थान सरकार 1944 तक अपने सरकारी कामकाज के लिए करते रहे।