भारत के ऐतिहासिक स्मारक का जब भी जिक्र होगा, इतिहास हमे आर्यो की सभ्यता का दर्शन कराएगा, वास्तव में जो इमारते या स्मारक मौर्य काल के बाद बने है वही आज हमारी जानकारी में है, क्योंकि उसके पहले आर्यावर्त की जलवायु में निर्माण का इतना प्रचलन नहीं था, देश के अनगिनत स्मारकों को यूनेस्को ने विश्व विराषत घोसित किया है, ये एक तरफ हमारे ऐतिहासिक इमारतों के लिए अच्छा है वही दूसरी तरफ यूनेस्को के लिए भी गर्व की बात है की उनको इतने पुराने ऐतिहासिक स्मारक और इमारते ऐसी अवस्था में मिली जिनको की वो विश्व विराषत घोषित कर सके. (भारत के स्मारक और स्थान pdf download)
भारत में कौन सा स्मारक सबसे पहले बना था
प्राचीन भारत में स्मारकों अथवा इमारते बनाने का चलन नहीं था, अगर कोई राजा बनबाता भी था तो मंदिर बनवाता था, लेकिन अशोक के बौद्ध धर्म अपना लेने के बाद सबसे पहले भारत में स्मारकों के निर्माण की विधा शुरू हुयी थी, जिसमे अशोक स्तम्भ और साँची का के स्तूप प्रमुख है, अब इन दोनों में से कौन सा पहले बना है इसका सही काल क्रम पता नहीं है बस इतना ही कह सकते है ये तीसरी शतबदी ईसा पूर्व की ऐतिहासिक स्थल है। इनके अलाबा ज्ञात श्रोतो में कोई अन्य ऐतिहाइक स्मारक नहीं है।
भारत के ऐतिहासिक स्मारकों, स्थानों और प्रसिद्ध इमारतों के नाम
क्रम संख्या | ऐतिहासिक स्मारक/ईमारत | राज्य का नाम | यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत घोषित किए गए |
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1 | आगरे का किला | उत्तर प्रदेश | 1983 |
2 | अजंता की गुफाएँ | महाराष्ट्र | 1983 |
3 | एलोरा की गुफाएँ | महाराष्ट्र | 1983 |
4 | ताजमहल | उत्तर प्रदेश | 1983 |
5 | कोणार्क मंदिर | उड़ीसा | 1984 |
6 | साँची के बौद्ध स्तूप | मध्य प्रदेश | 1989 |
7 | चंपानेर पावागढ का पुरातत्व पार्क | गुजरात | 2004 |
8 | छत्रपति शिवाजी टर्मिनस | महाराष्ट्र | 2004 |
9 | गोवा के पुराने चर्च गोवा | 1986 | |
10 | एलीफैन्टा की गुफाएँ | महाराष्ट्र | 1987 |
11 | फतेहपुर सीकरी | उत्तर प्रदेश | 1986 |
12 | चोल मंदिर | तमिलनाडु | 1987, 2004 |
13 | हम्पी के स्मारक | कर्नाटक | 1986 |
14 | महाबलीपुरम के स्मारक | तमिलनाडु | 1984 |
15 | पट्टाडक्कल के स्मारक | कर्नाटक | 1987 |
16 | हुमायुँ का मकबरा दिल्ली | 1993 | |
17 | काजीरंगा राष्ट्रीय अभ्यारण्य | असम | 1985 |
18 | केवलदेव राष्ट्रीय अभ्यारण्य | राजस्थान | 1985 |
19 | खजुराहो के मंदिर एवं स्मारक | मध्य प्रदेश | 1986 |
20 | महाबोधी मंदिर, बोधगया, | बिहार | 2002 |
21 | मानस राष्ट्रीय अभ्यारण्य | असम | 1985 |
22 | नंदादेवी राष्ट्रीय अभ्यारण्य | उत्तराखंड | 1998, 2005 |
23 | कुतुब मीनार | दिल्ली | 1993 |
24 | भीमबटेका | मध्य प्रदेश | 2003 |
25 | लाल किला | दिल्ली | 2007 |
26 | सुंदरवन राष्ट्रीय अभ्यारण्य | पश्चिम बंगाल | 1987 |
27 | जंतर मन्तर, जयपुर | राजस्थान | 2010 |
28 | आमेर का किला | राजस्थान | 2013 |
29 | गागरौन किला, झालावाड़ | राजस्थान | 2013 |
30 | चित्तौड़गढ़ किला | राजस्थान | 2013 |
31 | कुंभलगढ़ किला | राजस्थान | 2013 |
32 | रणथंभोर दुर्ग | राजस्थान | 2013 |
33 | जैसलमेर किला | राजस्थान | 2013 |
34 | पश्चिमी घाट, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु | 4 States | 2012 |
35 | भारतीय पर्वतीय रेल, दार्जिलिंग, पश्चिम बंगाल | पश्चिम बंगाल | 1999 |
36 | भारतीय पर्वतीय रेल, नीलगिरि | तमिलनाडु | 2005 |
37 | भारतीय पर्वतीय रेल कालका-शिमला | हिमाचल प्रदेश | 2008 |
38 | रानी की वाव पाटण गुजरात | गुजरात | 2014 |
39 | ग्रेट हिमालयन राष्ट्रीय उद्यान, कुल्ल | हिमाचल प्रदेश | NA |
40 | चण्डीगढ़ कैपिटल कॉम्प्लैक्स | चण्डीगढ़ | 2016 |
भारत के स्मारक और स्थान
मुगल आक्रंताओ ने हमारे न जाने कितनी ऐतिहासिक इमारतों और स्मारकों को नष्ट करके वह पर सिर्फ इस्लाम की उन्नति को दर्शाने वाली इमारते और स्मारक बना दी, इनमे से ढ़ाई दिन का झोपड़ा, क़ुतुब मीनार, यहाँ तक की कई इतिहास कार तो ताज महल के लिए भी कहते है की ताजमहल की ईमारत के पीछे एक हिन्दू मंदिर था जो की भगवान शिव को समर्पित था, चुकी इतिहास लेखन का ज्यादातर समय मुगल काल में बीच ही रहा है इसलिए सभी चाटुकार इतिहासकारो ने मुगलो के महिमा मंडन और हिन्दू धार्मिक स्थलों, इमारतों और स्मारकों के खण्डन को चुप चाप दबा दिया और हमारी पीढ़ी को ये मानने पर विवश कर दिया की हिन्दुओ के जो स्थल, स्मारक या इमारते नही है वो नहीं थी.
भारतीय स्मारक
हम उन भवनों एवं प्रतीक चिन्हो को ऐतिहासिक इमारते कहते है जिनक निर्माण किसी विशेष प्रयोजन के लिए किया गया हो अथवा जिसमे कोई बहुत बड़ी ऐतिहासिक महत्त्व की कोई घटना घटी हो, जैसे किसी भवन का निर्माण किसी विशेष युद्ध के पश्चात करवाया गया हो या जिसके कारन कोई बाद युद्ध हुआ हो, अथवा जिसका निर्माण किसी विशेष परिस्थितिओ या प्रयोजन के लिए हुआ हो, और जो वर्षो वर्ष बीत जाते के बाद भी उसी भव्यता और विशिष्टता के साथ खड़ा हो।
हम यहाँ पर पुरे भारत देश में स्थित एवं निर्माणित ऐतिहासिक महत्त्व की इमारतों एवं स्मारकों का वर्णन करेंगे, उनके निमित्त कुछ ऐतिहासिक तथ्य सारणी के माध्यम से बतायेगे तथा अन्य जानकारी भी हिंदी और अंगेजी दोनों भाषाओ में देंगे।
अगर पुरातत्व विभाग निष्पक्ष रूप से हर मस्जिद की जाँच करे तो कही न कही उसके गर्भ में हिन्दू स्मारकों और इमारतों का मालवा जरूर निकलेगा, पर अभी भी देश में कुछ भारतीय ऐतिहासिक स्मारक है जो हिन्दुस्थान की में संस्कृति की रक्षा कर रहा है।
सर्वे ऑफ़ इंडिया की स्थापना
जब भारत में अंग्रेजों का शासन था तो उन्होंने सोचा था की वो यहाँ हमेशा राज करते रहेंगे और जो भी यहाँ के स्थापत्य, और कला के केंद्र या ऐतिहासिक इमारते है उनको धीरे धीरे अपने नाम पर कर लेंगे की ये हमने बनवाये है, इसी को पूरा करने के उद्देस्य से उन्होंने १७६७ में देहरादून में सर्वे ऑफ़ इंडिया की स्थापना की जिसे भारत का पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग भी कहा जाता है, इसका काम सिर्फ ये था की कौन सी ईमारत कितनी पुरानी है, इसकी क्या खासियत है, कब बनी, किसने बनवायी, क्यों बनवायी, लेकिन स्वतंत्र के बाद इसी संस्था ने बहुत सी इमारतों को खोजै और उनको नया जीवन दिया।Smarak in India
India that is Bharat, having a long list of Monuments i.e smarak a few are belongs to Hindu Kings that includes Rajput kings, Maratha Kings, Bahmani, Chaul, Chaluky, Maurya, Gupt Kings, they all were made with a wonderful architecture and a few are get place in UNESCO world heritage list, here you find a big list of thos Smark or Monuments, in our this article you can know kaun sa smarak sabse pahle bana, bharat ke smarak aur sthan and about bharat ki aitihasik imarat, we collected all the data from some trusted sources.