लोटस टेंपल दिल्ली में 28.553325 उत्तर से 77.258600 पूर्व के समन्वय में स्थित है, यह बहाई धर्म के लोगों के लिए पूजा स्थल में से एक है, लोटस टेंपल का आकार इसके नाम के अनुसार है, मंदिर 24 दिसंबर 1986 में खोला गया था, कमल मंदिर निर्माण के मुख्य वास्तुकार फ़रीबोर्ज़ साहबा थे, जबकि स्ट्रक्चरल इंजीनियर फ्लिंट और नील थे, इस कमल महल या कमल मंदिर में एक साथ 2500 की बैठने की क्षमता के साथ अभिव्यक्तिवादी वास्तुकला शैली में बना कमल मंदिर, लोटस मंदिर का व्यास 70 मीटर (230 फीट) और ऊँचाई 34.27 मीटर है (112.4 फीट)
Lotus Temple Information
Lotus Temple is located in Delhi at the coordinates 28.553325 North to 77.258600 East, this is one of the worshiping place for the people of Baháʼí religion, the shape of Lotus Temple is as per its name flower-like, the temple was opened in 24th Dec 1986, the chief architect was Fariborz Sahba while Structural engineer was Flint & Neill, lotus temple made in the Expressionist Architectural style with the seating capacity of 2500 one time, the Diameter of Lotus temple is 70 meters (230 ft) and Height is 34.27 meters (112.4 ft)
Facts about Lotus Temple
Name | Lotus Temple |
---|---|
City | New Delhi, |
Address | New Delhi, India |
Country | India |
Continent | Asia |
Came in existence | 20th century. |
Built by | Persian architect Fariborz |
Area covered in KM | 1,484 km2 (573 sq mi) |
Height | 34.27 metres (112.4 ft) |
Time to visit | 9:00 AM – 4:30 PM. |
Ticket time | 9:30AM-6:30PM |
When to visit | February-March |
Unesco heritage | 32 UNESCO |
Ref No of UNESCO | 5921 |
Coordinate | 28.5535° N, 77.2588° E |
Per year visitors | At a time 13000 people |
Near by Airport | Gandhi International Airport |
Near by River | Yamuna river |
Lotus Temple History in Hindi
कमल मंदिर, भारत की राजधानी दिल्ली के नेहरू प्लेस के पास स्थित एक बहाई उपासना स्थल है। यह अपने आप में एक अदभूत मंदिर है। यहाँ पर न कोई मूर्ति है और न ही किसी प्रकार का कोई धार्मिक कर्म-कांड किया जाता है, भारत के लोगों के लिए कमल का फूल पवित्रता तथा शांति का प्रतीक होने के साथ ईश्वर के अवतार का संकेत चिह्न भी है। कमल मंदिर में प्रतिदिन देश और विदेश के लगभग आठ से दस हजार पर्यटक आते हैं। यहाँ का शांत वातावरण प्रार्थना और ध्यान के लिए सहायक है।
Facts about Lotus Temple in Hindi
मंदिर का उद्घाटन २४ दिसंबर १९८६ को हुआ लेकिन आम जनता के लिए यह मंदिर १ जनवरी १९८७ को खोला गया।
इसकी कमल सदृश आकृति के कारण इसे कमल मंदिर या लोटस टेंपल के नाम से ही पुकारा जाता है।यहाँ पर हर धर्म के लोग अपनी पूजा बिना शोर किये कर सकते है।
इस मंदिर में एक साथ २००० से ज्यादा लोग बैठ सकते है
इस मंदिर में चार कुंड है, जिनमे जल निरंनतर बहता रहता है।
मंदिर कुछ २० फिट की ऊंचाई पर है, जिस तक पहुंचने के लिए सीढिया है
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