इंडिया गेट नई दिल्ली के मध्य भाग में स्थित है (दिल्ली कहां है), इसकी स्थापना १० फरवरी १ ९ २१ में हुई थी, लेकिन भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए १२ फरवरी १ ९ ३१ को खोला गया, इसके वास्तुकार एडविन लुटियन थे और इस वास्तुकार के नाम पर नई दिल्ली एक बंगलो का नाम लुटियन बंगला है जहां वह इंडिया गेट के निर्माण के दौरान रुके थे, भारत के गेट का हाल लंबा 28 ° 36′46.31 77 N 77 ° 13′45.5 E है।
About India Gate in Hindi
इंडिया गेट ब्रिटिश भारत की सेना के 70,000 सैनिकों की याद में बनाया गया है, जो 1914-21 प्रथम विश्व युद्ध की अवधि में फ्रांस, फ्लैंडर्स, मेसोपोटामिया, फारस, पूर्वी अफ्रीका, गैलीपोली और तीसरे एंग्लो -अफगान युद्ध में में मारे गए थे। इंडिया गेट पर कुछ सैनिकों और यूनाइटेड किंगडम के कुछ अधिकारियों सहित 13,300 सैनिकों के नाम खुदे हुए हैं।
Facts about India Gate
India Gate is located in central part of New Delhi (Know where is Delhi), this was Established in 10 February 1921 but Opened on 12 February 1931 for every citizen of India, its Architect was Edwin Lutyens and on the name of this architect New Delhi having a Bunglow its name is Lutyens Bungalow where he stayed during the construction of India gate, the lat long of India gate is 28°36′46.31″N 77°13′45.5″E.
Name | India Gate |
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City | Delhi |
Address | Rajpath, India Gate, New Delhi, Delhi 110001 |
Country | India |
Continent | Asia |
Came in existence | 1917 |
Built by | British India Army |
Builder | Sobha Singh |
Area covered in KM | 625 metres |
Height | 42 m |
Time to visit | 10 AM to 5 PM |
Ticket time | 5:00 AM – 12:00 AM |
When to visit | Na |
Unesco heritage | UNESCO in year 1983 |
Ref No of UNESCO | 04/14/01/00040/08 |
Coordinate | 28.6129° N, 77.2295° E |
Per year visitors | 4.5 M visitors per year, |
Near by Airport | Indira Gandhi International Airport |
Near by River | Yamuna river |
India Gate Information in Hindi
इण्डिया गेट, नई दिल्ली के राजपथ पर स्थित ४३ मीटर ऊँचा विशाल द्वार है। यह स्वतन्त्र भारत का राष्ट्रीय स्मारक है, जिसे पूर्व में किंग्सवे कहा जाता था। इसका डिजाइन सर एडवर्ड लुटियन्स ने तैयार किया था। यह स्मारक पेरिस के आर्क डे ट्रॉयम्फ़ से प्रेरित है। इसे सन् १९३१ में बनाया गया था। मूल रूप से अखिल भारतीय युद्ध स्मारक के रूप में जाने वाले इस स्मारक का निर्माण अंग्रेज शासकों द्वारा उन ९०००० भारतीय सैनिकों की स्मृति में किया गया था जो ब्रिटिश सेना में भर्ती होकर प्रथम विश्वयुद्ध और अफ़ग़ान युद्धों में शहीद हुए थे। यूनाइटेड किंगडम के कुछ सैनिकों और अधिकारियों सहित 13,300 सैनिकों के नाम, गेट पर उत्कीर्ण हैं। लाल और पीले बलुआ पत्थरों से बना हुआ यह स्मारक दर्शनीय रहा है।
Facts about India Gate in Hindi
जब इण्डिया गेट बनकर तैयार हुआ था तब इसके सामने जार्ज पंचम की एक मूर्ति लगी हुई थी। जिसे बाद में ब्रिटिश राज के समय की अन्य मूर्तियों के साथ कोरोनेशन पार्क में स्थापित कर दिया गया। अब जार्ज पंचम की मूर्ति की जगह प्रतीक के रूप में केवल एक छतरी भर रह गयी है।इस अमर जवान ज्योति पर प्रति वर्ष प्रधान मन्त्री व तीनों सेनाध्यक्ष पुष्प चक्र चढ़ाकर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
अमर जवान ज्योति
भारत की स्वतन्त्रता के पश्चात् इण्डिया गेट भारतीय सेना के अज्ञात सैनिकों के मकबरे की साइट मात्र बनकर रह गया है। इसकी मेहराब के नीचे अमर जवान ज्योति स्थापित कर दी गयी है। अनाम सैनिकों की स्मृति में यहाँ एक राइफ़ल के ऊपर सैनिक की टोपी सजा दी गयी है जिसके चारो कोनों पर सदैव एक ज्योति जलती रहती है। इस अमर जवान ज्योति पर प्रति वर्ष प्रधान मन्त्री व तीनों सेनाध्यक्ष पुष्प चक्र चढ़ाकर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। भारतीय सेनाओं के शहीदों के लिए, जो फ्रांस और फ्लैंडर्स मेसोपोटामिया फारस पूर्वी अफ्रीका गैलीपोली और निकटपूर्व एवं सुदूरपूर्व की अन्य जगहों पर शहीद हुए और उनकी पवित्र स्मृति में भी जिनके नाम दर्ज़ हैं और जो तीसरे अफ़ग़ान युद्ध में भारत में या उत्तर-पश्चिमी सीमा पर मृतक हुए। दिल्ली की कई महत्वपूर्ण सड़कें इण्डिया गेट के कोनों से निकलती हैं। रात के समय यहाँ मेले जैसा माहौल होता है।
India Gate History in Hindi
१९२० के दशक तक, पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पूरे शहर का एकमात्र रेलवे स्टेशन हुआ करता था। आगरा-दिल्ली रेलवे लाइन उस समय लुटियन की दिल्ली और किंग्सवे यानी राजाओं के गुजरने का रास्ता, जिसे अब हिन्दी में राजपथ नाम दे दिया गया है, पर स्थित वर्तमान इण्डिया गेट के निर्माण-स्थल से होकर गुजरती थी। आखिरकार इस रेलवे लाइन को यमुना नदी के पास स्थानान्तरित कर दिया गया। तदुपरान्त सन् १९२४ में जब यह मार्ग प्रारम्भ हुआ तब कहीं जाकर स्मारक स्थल का निर्माण शुरू हो सका। ४२ मीटर ऊँचे इण्डिया गेट से होकर कई महत्वपूर्ण मार्ग निकलते हैं। पहले इण्डिया गेट के आसपास होकर काफी यातायात गुजरता था। परन्तु अब इसे भारी वाहनों के लिये बन्द कर दिया गया है। शाम के समय जब स्मारक को प्रकाशित किया जाता है तब इण्डिया गेट के चारो ओर एवं राजपथ के दोनों ओर घास के मैदानों में लोगों की भारी भीड़ एकत्र हो जाती है। ६२५ मीटर के व्यास में स्थित इण्डिया गेट का षट्भुजीय क्षेत्र ३०६,००० वर्ग मीटर के क्षेत्रफल में फैला है। इण्डिया गेट के सामने स्थित वह छतरी अभी भी ज्यों की त्यों है। इस छतरी के नीचे किसी जमाने में जार्ज पंचम की भव्य मूर्ति हुआ करती थी। भारत के आज़ाद होने के बाद उस मूर्ति को सरकार ने वहाँ से हटा कर कोरोनेशन पार्क में स्थापित कर दिया। प्रति वर्ष गणतंत्र दिवस पर निकलने वाली परेड राष्ट्रपति भवन से शुरू होकर इण्डिया गेट से होते हुए लाल किले तक पहुँचती है।
Information on India Gate in Hindi
इंडिया गेट पर ८२ हजार उन भारतीय सेनिको के नाम अंकित है, जो की १९१४ से १९२१ के बीच प्रथम विश्व युद्ध में शहीद हुए थे, ये सैनिक फ्रांस, फ़्लैंडर्स, मेसोपोटामिया, पर्शिया, पूर्वी अफ्रीका, गल्लीपोली और त्रितय एंग्लो अफगान युद्ध में शहीद हुए थे, उनके भी १३३०० नाम अंकित है।
ये इम्पीरियल वॉर ग्रेव्स कमीशन के काम का एक हिस्सा था, उनके द्वारा इस ईमारत को बनाने की अनुमति १९१७ में दी गयी, इसका बुनियादी पठत १० फरवरी १९२१ को शाम ४ बजकर ३० मिंट पर ड्यूक ऑफ़ कनॉट द्वारा राखी गयी थे, उस समय भारत के कमान्डर इन चीफ , वाइसराय और स्वयं चेम्सफोर्ड उपस्थित थे।