दिल्ली के लाल किले का निर्माण १२ मई १६३८ को शुरू हुआ और लाल किले का निर्माण 1648 में सम्पन्न हुआ, इसे पाँचवे मुगल साम्राज्य शाहजहाँ ने अपने महल के रूप में बनवाया था जब उन्होंने मुमताज महल की मृत्यु के बाद अपनी राजधानी आगरा से दिल्ली स्थानांतरित करने का निर्णय लिया, इसके वास्तुकार भी उस्ताद अहमद लाहौरी ही थे जिन्होंने ताज महल के निर्माण में मुख्य भूमिका निभाई थी. लाल किला पूरी तरह से लाल पत्थरो का बना होने के कारण उसका नाम लाल किला पड़ा.
Red Fort Delhi Information
Name | Red Fort |
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City | Delhi |
Address | Netaji Subhash Marg, Chandni Chowk, New Delhi, Delhi 110006 |
Country | India |
Continent | Asia |
Came in existence | 1639 |
Built by | Islam Shah Suri |
Area covered in KM | 254.67 acres (103.06 ha) enclosed by 2.41 kilometres . |
Height | 33.5 m |
Time to visit | 9:30AM to 4:30PM |
Ticket time | 9:30AM to 4:30PM |
When to visit | |
Unesco heritage | Na |
Ref No of UNESCO | 231 |
Coordinate | 28.656°N 77.241°E |
Per year visitors | 25,000 people at a time. |
Near by Airport | Indira Gandhi International Airport |
Near by River | Yamuna River, |
Where is Red Fort, Located in New Delhi, India
Location of Red Fort, Located in New Delhi India . on Google Map
History of Red Fort Delhi in Hindi
लाल किला 1857 तक तकरीबन 200 सालो तक मुगल साम्राज्य का निवास स्थान था. लाल किला / Red Fort दिल्ली में है. मुगल शासनकाल में लाल किला मुख्य किले के रूप में था, ब्रिटिशो के लगभग सभी कार्यक्रम लाल किले में ही होते थे. लाल किले का निर्माण 1648 में पाँचवे मुगल साम्राज्य शाह जहाँ ने अपने महल के रूप में बनवाया था. लाल किला पूरी तरह से लाल पत्थरो का बना होने के कारण उसका नाम लाल किला पड़ा. भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के चश्मदीद गवाह और आजादी के मतवालों के प्रेरणास्रोत रहे ऐतिहासिक लाल किले ने दिल्ली के उतार-चढ़ावों को करीब से देखा है,
History of Lal Kila in Hindi
प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सन् 1857 के दौरान अंग्रेजी हुक्मरानों ने आजादी के मतवालों पर ही कहर नहीं ढाया था, बल्कि मुगल बादशाह शाहजहां के शासन काल में बने इस भव्य किले के कई हिस्सों को भी जमींदोज कर वहां सेना की बैरकें और दफ्तर बना दिए थे और इस किले को रोशन करने वाले मुगल सल्तनत के आखिरी बादशाह बहादुरशाह जफर को भी कैद कर रंगून भेज दिया था। आजादी की लड़ाई के दौरान लाल किले पर तिरंगा फहराने की ख्वाहिश भारत मां की गुलामी की बेड़ियां काटने को बेकरार मतवालों के दिलों में उफनती रहीं। 15 अगस्त 1947 को देश आजाद हो गया और इसकी प्राचीर पर प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने तिरंगा फहराया। दिल्ली के इतिहास में ही नहीं भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में भी लालकिला खास अहमियत रखता है।
लाल किले का इतिहास
इस किले की बुनियाद सन् 1638 में रखी गई थी। इसके निर्माण में नौ वर्ष का समय लगा था। इसके निर्माण में ज्यादातर लाल पत्थरों का इस्तेमाल किए जाने के कारण ही इसे ‘लाल किला’ नाम दिया गया। ब्रजकिशन चांदीवाला की ‘दिल्ली की खोज’ पुस्तक में इसके निर्माण के बारे में विस्तार से बताया गया है। इसके अनुसार, किला ऐसा बनवाना शुरू किया गया, जो आगरे के किले से दोगुना और लाहौर के किले से भी बड़ा हो। उसकी बुनियाद का पत्थर इज्जर खां की देखरेख में रखा गया।