Chittorgarh Fort, a world famous monument of Rajasthan is situated in Chittorgarh city of Rajasthan, India, Lat Long of Chittorgarh Fort is 24.8839° N, 74.6539° E and address of Chittorgarh Fort is Surajpole, Rajasthan 312001, Chittorgarh Fort is only 105 km North – east side from Maharana Pratap Airport, Chittorgarh Fort was built by local Maurya rulers of Chittorgarh and the name of the fort is derived from its builder Chitranga. This fort included in the UNESCO World Heritage Site list in the 37th meeting of the World Heritage Committee that was held in Phnom Penh in June 2013.
Facts about Chittor Fort or Chittorgarh Fort
Name | Chittor Fort |
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City | Chittorgarh |
Address | Surajpole, Rajasthan 312001 |
Country | India |
Continent | Asia |
Came in existence | 1303 A.D |
Area covered in KM | 700 Acres. |
Height | 180 meter high |
Time to visit | 8AM-5:30PM |
Ticket time | 8AM-5:30PM |
When to visit | September to March |
Unesco heritage | 2013 (36th session) |
Ref No of UNESCO | 247 |
Coordinate | 24.8863°N 74.647°E |
Per year visitors | 700 pr day |
Near by Airport | Maharana Pratap Airport |
Near by River | Chambal |
Where is Chittor or Chittorgarh Fort Located in Rajasthan , India
Location of Chittor Fort in Rajasthan India showing on Google Map
History of Chittorgarh Fort in Hindi
चित्तौड़गढ़ के किले का इतिहास बहुत ही भव्य और विराट है, किला राजस्थान के जिले चित्तौरगढ़ जिले में है , इसी किले में रानी पद्मिनी ने जोहर किया था, इसके निर्माण के समय से ही यह महान किला मेवाड़ राज्य की राजधानी था, यह किला १८० मीटर की ऊंचाई पर बानी एक पहाड़ पर है और २८० हेक्टेयर यानि की ६९२ ऐकड में फैला हुआ है।
इस किले को किसने बनवाया इसमें कुछ इतिहासकारो का मतभेद है जैसा की हमेशा से रहा है, कुछ कहते है की यह अभेद किला यहाँ के स्थानीय मौर शासको ने बनवाया था कुछ कहते है की महाबह्र्ट के युद्ध के बाद भीम ने यहाँ पर ये किला बनवाया था दोनों ही मतों के अपने अपने अनुयायी है।
इस किले पर कई राजाओ ने राज किया और इस किले ने कई युद्ध भी देखे है, इस पर राज करनेवालों में बाप्पा रावल, हम्मीर सिंह, राणा सांगा, राणा कुम्भा और राणा उदै सिंह द्वितीय थे, अंत में राणा रतन सिंह जिनकी पत्नी रानी पद्मिनी पर अलउद्दीन खिलजी ने बुइ नजर डाली और इस कारन युद्ध हुआ अंत में रानी को जोहर करना पड़ा।
History Of Chittorgarh Rani Padmini In Hindi
रानी पद्मिनी जो की राणा रतन सिंह की पत्नी थी, एकबार खिलजी रतन सिंह से मिलने राजस्थान आया और उसने देखा की रानी पद्मिनी बहुत सुन्दर है तो उसने रतन सिंह को सीमा तक छोड़ने के लिए कहकर उनको सीमा पर ही बंदी बना लिया, और शर्त ये राखी की रानी पद्मिनी अगर उसके साथ शादी कर ले तो रतन सिंह को छोड़ देगा, तब वहाँ के दो वीर जैमल और फत्ता ने अपर वीरता और बुद्दिमता का परिचय देकर राणा को छुड़ा लिया, इसके बाद रतन सिंह और खिलजी में युद्ध हुआ, रतन सिंह पराजित हुए और रानी को जौहर करना पड़ा, इस युद्ध में भी जैमल फत्ता बड़ी वीरता से लडे थे, चित्तौरगढ़ के किले के इतिहास में रानी पद्मिनी का जब भी वर्णन होगा इन दो वीर योद्धाओं का भी वर्णन होगा और इन दोनों वीरो का नाम सदैव आदर के साथ लिया जायेगा।