Bhatner fort also called Hanumangarh Fort is a world famous Historical Monument in Rajasthan located in Hanumangarh is a City of Rajasthan under Hanumangarh District, India, Lat Long of Bhatner fort is 29°37′N 74°20′E while address of Bhatner fort is Hanumangarh Town, Rajasthan 335513, Bhatner fort is only 255 km South West side from Bikaner airport, Bhatner fort was originally built by Bhupat son of a Bhati king of Jaisalmer in year 253AD at the bank of Ghaggar River.
Facts about Bhatner fort
Name | Bhatner fort |
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City | Hanumangarh Town |
Address | Hanumangarh Town, Rajasthan 335513 |
District | Hanumangarh |
State | Rajasthan |
Country | India |
Continent | Asia |
Came in existence | 253 AD |
Area covered | 52 bighas |
Height | 410 feet (125 m) |
Time to visit | 08:00 am – 6:00 pm |
Ticket time | Converted into Hotel, starts from USD 50 or INR 350 |
Ref No of UNESCO | NA |
Coordinate | 29° 37′ 0″ N, 74° 20′ 0″ E |
Per year visitors | 300000 to 500000 |
Near by Airport | Bikaner |
Official Website | http://hanumangarh.rajasthan.gov.in/content/raj/hanumangarh/en/about-hanumangarh/history.html# |
Official Contact No. | 096600 07766 |
Where is Bhatner fort Located in Rajasthan, India
Location of Bhatner fort Located in Rajasthan India on Google Map
History of Bhatner fort in Hindi
भटनेर का किला राजस्थान के के हनुमानगढ़ मे है, हनुमानगढ़ का प्राचीन नाम भटनेर था क्युकी यहाँ पर जैसलमेर के भाटी राजाओ का राज था, जब देश स्वतंत्र हुआ तो राजस्थान के जिलों का भी निर्माण हुआ उसीमे में भटनेर को हनुमानगढ़ जिले में जोड़ दिया गया और भटनेर का नामकरण भी बदलदिया गया।
बटनेर का किला तीसरी ईसवी का बना हुआ किला है जो शायद राजस्थान का एकमंत्र किला है उस काल का जो ईंटो से बना हुआ है, इस किले का निर्माण जैसलमेर के भट्टी राजा के पुत्र भूपत ने २५३ ईस्वी में करवाया था, इस किले को ही हनुमानगढ़ के किले के नाम से जाना जाता है।
भारत के इतिहास के अनुसार बाद के समय में इस किले पर कुछ कुछ समय के लिए तिमूर, ग़ज़नवी, प्रतिहविराज चौहान, अकबर, क़ुतुबुद्दीनएबक और राठोर् राजपूत राजाओ का अधिपत्य रहा इस किले की विशालता और अभेद शक्ति का वर्णन तैमूर ने अपनी आत्म कथा तुजुक ऐ तैमूरी में और अकबर की जीवनी आईने अकबरी में की गयी है।
इस भटनेर के किले का नाम हनुमानगढ़ का किला और इस भूभाग का नाम भटनेर से हनुमानगढ़ क्यों पड़ा इसका भी एक रोचक इतिहास है, १८०५ में बीकानेर के राजा सूरत सिंह ने भटनेर में ही इन भाटी राजाओ को हरा दिआ था और इस भूभाग पर अधिपत्य कर लिया था, उस दिन मंगलबार था यानि की भगवान हनुमान जी का दिन था इसलिए उन्होंने ही इस भूभाग कान हनुमानगढ़ रख दिया और इस किले का नाम भटनेर से बदल कर हनुमानगढ़ का किला कर दिया।
इस किले के आदर ५२ कुंड है जो की बरसाती पानी को संचित करने के लिए बनाये गए थे, और भगवन शिव और हनुमान जी के मंदिर है, जब इस किले पर गयासुद्दीन बलबल का अधिकार (१२६६-1290) हुआ तो उसने शेर खान को यहाँ कर गवर्नर बना दिया और उसी ने मुसलमानो की आदत के अनुसार इसमें एक मस्जिद भी बना दी, जो की आज भी बनी हुयी है।