Mysore Palace was made by the royal family of Mysore, i.e belongs to the Wadiyar Dynasty who ruled this princely state during 1399 AD to 1950 AD, The chief architect of Mysore Palace was Henry Irwin, the Architectural style is Indo-Saracenic Revival architecture, Mysore Palace was Opened in year 1912 for all, and its Construction started in year 1897, the current owner of this beautiful Mysore Palace is Rajmata Pramoda Devi Wadiyar, and now this Mysore Palace is under tenants of Government of Karnataka.
Facts about Mysore Palace
Name | Mysore Palace |
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City | Mysore [Know Facts about Mysore] |
Address | Sayyaji Rao Rd, Mysuru, Karnataka 570001 |
Country | India |
Continent | Asia |
Came in existence | 1912 |
Built by | King Yaduraya first |
Area covered in KM | 128.42 km2 |
Height | 145 ft |
Time to visit | NA |
Ticket time | 10AM-5PM |
When to visit | October to March |
Unesco heritage | 32 |
Ref No of UNESCO | 242 |
Coordinate | 12.3039°N 76.6547°E |
Per year visitors | 6 million visitors annually. |
Near by Airport | Mysore Airport |
Near by River | Kabini River |
मैसूर पैलेस का इतिहास
मैसूर पैलेस रोमन स्थापत्य कला का अद्भुत संगम है। महाराजा पैलेस, राजमहल मैसूर के कृष्णराजा वाडियार चतुर्थ का है। यह पैलेस बाद में बनवाया गया। इससे पहले का राजमहल चन्दन की लकड़ियों से बना था। एक दुर्घटना में इस राजमहल की बहुत क्षति हुई जिसके बाद यह दूसरा महल बनवाया गया। पुराने महल को बाद में ठीक किया गया जहाँ अब संग्रहालय है।
Mysore Palace History in Hindi
दूसरा महल पहले से ज्यादा बड़ा और अच्छा है। महल में एक बड़ा सा दुर्ग है जिसके गुंबद सोने के पत्तरों से सजे हैं। ये सूरज की रोशनी में खूब जगमगाते हैं। यहां 19वीं और आरंभिक 20वीं सदी की गुड़ियों का संग्रह है। इसमें 84 किलो सोने से सजा लकड़ी का हौद भी है जिसे हाथियों पर राजा के बैठने के लिए लगाया जाता था। गोम्बे थोट्टी के सामने सात तोपें रखी हुई हैं। इन्हें हर साल दशहरा के आरंभ और समापन के मौके पर दागा जाता है।
महल के मध्य में पहुंचने के लिए गजद्वार से होकर गुजरना पड़ता है। वहां कल्याण मंडप अर्थात् विवाह मंडप है। उसकी छत रंगीन शीशे की बनी है और फर्श पर चमकदार पत्थर के टुकड़े लगे हैं। कहा जाता है कि फर्श पर लगे पत्थरों को इंग्लैंड से मंगाया गया था। दूसरे महलों की तरह यहां भी राजाओं के लिए दीवान-ए-खास और आम लोगों के लिए दीवान-ए-आम है। यहां बहुत से कक्ष हैं जिनमें चित्र और राजसी हथियार रखे गए हैं।
राजसी पोशाकें, आभूषण, तुन की लकड़ी की बारीक नक्काशी वाले बड़े-बड़े दरवाजे और छतों में लगे झाड़-फानूस महल की शोभा में चार चांद लगाते हैं। दशहरा में 200 किलो शुद्ध सोने के बने राजसिंहासन की प्रदर्शनी लगती है। कुछ लोगों का मानना है कि यह पांडवों के जमाने का है। महल की दीवारों पर दशहरा के अवसर पर निकलने वाली झांकियों का सजीव चित्रण किया गया है।
Information about Mysore Palace in Hindi
मैसूर महल का निर्माण जिस समय हुआ उस समय मैसूर एक रियासत था, मैसूर में वोडेयार राजाओ ने १३९९ ईसवी से १९५० ईसवी तक राज्य किया और मैसूर महल उन राजाओ और उनके परिवारी जनो का आधिकारिक निवास हुआ करता था, इस महल में दो बड़े बड़े हाल है जिनमे उस समय सभाये और आयोजन हुआ करते थे।
इस मैसूर महल का निर्माण महाराजा राजर्षि हिज हाइनेस कृष्णराजेंद्र वाडियार चतुर्थ ने करवाया था, इस महल को देखने वालो की संख्या ६ मिलियन प्रति वर्ष है जो की ताजमहल के ठीक बाद है।
इस महल के अक्षांश और देशांतर १२ डिग्री ३० मिनट उत्तर से ७६ डिग्री ६५ मिनट पूर्व तक है, इस महल की स्थापत्य कला हिन्दू स्थापत्य कला और मुगलो या अरबी स्थापत्य कला के अनूठा संगम है।
मैसूर के महल का निर्माण प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस महल को कारीगरों ने १८९७ में बनाना शुरू किया था और १९१२ में यह बन कर तैयार हुआ है, इस समय इसकी मालकिन राजमाता प्रमोद देवी वाडियार है और इस महल को कर्नाटक सरकार का संरक्षण प्राप्त है।
इसके वास्तुकार हेनरी इर्विन थे और इस महल को मैसूर के महाराजा की शाही गद्दी के नाम से भी जाना जाता है।
Where is Mysore Palace in Mysuru, Karnataka India
Mysore Palace, a world famous monumet is situated in Mysuru city of Karnataka India, Lat Long of Mysore Palace is 12.3051° N, 76.6551° E and address of Mysore Palace is Sayyaji Rao Rd, Agrahara, Chamrajpura, Mysuru, Karnataka 570001, Mysore Palace is only 10 km north from Mysore Airport.